ऑन पेज और ऑफ पेज में अंतर किया है

दोस्तो इस पोस्टो मे हम लोगो जानेंगे ऑन पेज और ऑफ़ पेज मे अंतर किया है अगर इस पोस्टो को आप अछितरा समझलेंगे तो Seo आप भी अछितरा करसकते हो फॉलो स्टेप बाई स्टेप 

ऑन पेज और ऑफ पेज में अंतर किया है 

पोस्ट लिखते वक़्त हम ऑप्टिमाइजेशन के जिस तरिके को अपनाते हैं और फॉलो करते हैं वो ऑन पेज ऑप्टिमाइजेशन कहलाता है. इस में हम आर्टिकल लिखने में हर  ध्यान में रखते हैं जो इस टेक्निक के अंदर आता है.

जब पोस्ट के बाहर हम अपने साइट की ऑप्टिमाइजेशन जिन तरीको से करते हैं वो ऑफ पेज ऑप्टिमाइजेशन कहलाता है. ये भी बहुत इम्पोर्टेन्ट फैक्टर माना जाता है जो हमारे ब्लॉग के लिए काफी जरुरी होता है.

यहाँ पर मैं आपको इनके बिच में अंतर बताने जा रहा हूँ जिससे आपको इसके बारे में समझ में आ जायेगा. इसे मैं थोड़ा संक्षेप में बता रहा हूँ.

ऑन पेज ऑप्टिमाइजेशन ऑफ पेज ऑप्टिमाइजेशन 
पोस्ट लिखते वक़्त उसके टाइटल टाइटल को ऑप्टिमाइज़ करना और उसमे टार्गेटेड कीवर्ड को डालना जरुरी है.बैकलिंक बिल्डिंग स्ट्रेटेजी को समझे और सही तरीके से इसके रूल्स को फॉलो करके बैकलिंक बनायें.
पर्मालिंक छोटा लिखना चाहिए और इसमें भी कीवर्ड का होना जरुरी है.ऑफ पेज के अंतर्गत सोशल बुकमार्किंग किया जाना एक महत्वपूर्ण स्टेप है.
पोस्ट में Heading 1,2,3 सही  तरीके से इस्तेमाल करें और इनमे कीवर्ड भी डालें.अपने साइट जैसे niche वाली साइट में गेस्ट पोस्ट करना.
मेटा डिस्क्रिप्शन ऐसा लिखें जिसे पढ़ने  विजिटर अट्रैक्ट हो और पोस्ट को जरूर खोलकर पढ़े.डायरेक्टरी सबमिशन करना.
कीवर्ड का इस्तेमाल पहले पैराग्राफ और अंतिम पैराग्राफ में करें.गूगल को सिग्नल देने के लिए सोशल मीडिया वेबसाइट जैसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम में एक्टिव रहना.
कीवर्ड डेंसिटी रखना होता है  यानी 2.5 % से ज्यादा न हो.फोरम सबमिशन
इमेज के Alt Tag में कीवर्ड का इस्तेमाल करना होता है.ब्लॉग में कमेंट करना
इंटरनल और एक्सटर्नल लिंकिंग बहुत जरुरी होता है.डिस्कशन वेबसाइट में एक्टिव रहना जैसे Quora में अपने लिंक शेयर करना और लोगों की डाउट को क्लियर करना .

ऑन पेज एसईओ कैसे करें 

1. पोस्ट का टाइटल

इस मे पोस्ट टाइटल का सबसे इंपॉर्टेंट रोल होता है. पोस्ट टाइटल मे कीवर्ड का सही इस्तेमाल कर के हम अपने पोस्ट को सर्च इंजन के लए पर्फेक्ट्ली ऑप्टिमाइज़ करते हैं. इसके अंतर्गत पोस्ट टाइटल बहुत ही इंपॉर्टेंट फैक्टर है.

इस स्क्रीनशॉट मे आप आसानी से समझ सकते हैं की हमारा आउटपुट किस तरह दिखाई देगा जब हम Post title, Permalink और Meta description को perfectly  optimized कर लेंगे.

पोस्ट टाइटल कैसे लिखें और इसमे कीवर्ड्स का इस्तेमाल किस तरह करें की हमारा पोस्ट टाइटल सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़्ड हो जाए. इसके लिए मैं आपको कुछ टिप्स दे रहा हू जिससे आप कीवर्ड को अपने टाइटल मे पर्फेक्ट्ली लिख सकते हो.

(a) Keyword PlacementTargeting Keyword (यानी पोस्ट से रिलेटेड कीवर्ड, जिस कीवर्ड से आप अपने पोस्ट को रैंक कराना चाहते हैं) को अपने पोस्ट टाइटल के शुरू मे रखें. “Post Title” की शुरुआत कीवर्ड से ही करने की कोशिश करे.

मैं मानता हू की हर पोस्ट का टाइटल हम कीवर्ड से शुरू नही कर सकते हैं, कभी कभी फिट भी नही होता. लेकिन ट्राइ करे की टारगेटेड कीवर्ड पोस्ट टाइटल के लास्ट मे ना हो.

On-Page SEO Kya Hai Blog Ko First Page Par Kaise Rank Karaye  Perfectly Optimized

Kaise Blog Ko On-Page SEO Kar Ke se First Page Par Rank karaye   50% Good

Kaise Blog Ko First Page Par Rank Karaye On-Page SEO Se            Bad Placement

(b) Use Effective Wordsपोस्ट टाइटल को और भी  SEO friendly बनाने के लिए इन वर्ड्स का इस्तेमाल करे. जैसे Effective, Most, Important, Best, Top, Strategies, Surprising, Essential, Ultimate guide, Beginners guide, Complete guide इन वर्ड्स के इस्तेमाल से टाइटल और अट्रैक्टिव बना सकते हैं.

(c) Use Of Numerics:  टाइटल मे नंबर्स add करे इससे लोगों को attract करना आसान होता है. वो जल्दी ऐसे पोस्ट को read करते हैं.

(d) Avoid Repetition of keywordपोस्ट के टाइटल मे कीवर्ड सिर्फ़ एक ही बार प्रयोग करे. इसे एक से ज़्यादा बार बिल्कुल ना डाले. कीवर्ड repetition नेगेटिव ऑप्टिमाइजेशन के represent करता है.

example: सपोज़ इस पोस्ट मे हमारा कीवर्ड “On-page SEO” है. तो चलिए देखते हैं इसका टाइटल हम कैसे लिख सकते हैं.

“On-Page SEO kya hai Aur Kaise karte hain” ये Wrong Method  है Title में कीवर्ड इस्तेमाल करने का. (इसमें कीवर्ड है “On-Page SEO” जो  2 बार इस्तेमाल किया गया है.)

“On-Page SEO Kya hai Aur Isse Blog Ko Optimize Kaise Karte Hain” Correct Method.

(e) Optimal Title Length: टाइटल की लेंथ इस तरह लिखे की वो सर्च रिज़ल्ट मे पूरा आए और अगर ज़्यादा long Title होगी तो वो पूरी दिखाई नही देगी. बहुत छोटा टाइटल भी SEO के acceptable नही होती.

2. Permalink

Title की ही तरह पोस्ट के लिए  Permalink  भी  On-Page के लिए इम्पोर्टेन्ट होता है. Permalink  मे भी हमे फोकस कीवर्ड add करना ज़रूरी होता है. इसके अलावा मैं आपको कुछ टिप्स बता रहा हू उसे ज़रूर फॉलो करे.

(a) Short URL पर्मालिंक को हमे छोटा रखना चाहिए. और इसके साथ साथ ही इसमें अपना फोकस कीवर्ड या main कीवर्ड जरूर डालना चाहिए.

पर्मालिंक को हमे छोटा रखना चाहिए और इसके साथ ही इसमे अपना फोकस कीवर्ड या मैं कीवर्ड ज़रूर डालना चाहिए.

wtechni.com/on-page-seo-kya-hota-hai-aur-isse-blog-ko…..Negative 

wtechni.com/on-page-seo-kya-hai   Positive  

(b) Delete Useless Permalink

Useless URL को delete कर के manually सर्च इंजन friendly URL को enter करे.

wtechni.com/?p=101   Negative 

wtechni.com/on-page-seo-kya-hai   Positive  

Actually जब हम टाइटल एक्सट्रा length की लिखते हैं तो permalink automatically  “wtechni.com/?p=101”  इस तरह का बन जाता है. सो कभी भी पेरमालिंक इस तरह का ना इस्तेमाल करे. इसे खुद ही चेंज कर ले, जैसा यहाँ मैं आपको बता रहा हू उसी तरीके से प्रोसेस को फॉलो करे.

(c) Never Use Stop Words

“a”, “the”, “on”, “and” इस तरह के words को Stop word बोला जाता है. Permalink में इन वर्ड्स को कभी भी  इस्तेमाल न करे तो ये SEO के लिए बेहतर है.

3. Meta Description

कहते हैं ना फर्स्ट इंप्रेशन इस थे लास्ट इंप्रेशन. यही काम हमारा Meta Description भी करता है. सर्च इंजन की नज़र मे Title और Permalink के बाद जो important factor है वो Meta Description है.

Meta Description अच्छे से इस्तेमाल करना ज़रूरी है क्यूंकि इससे भी हम अपने पेज को आसानी से रैंक करा सकते हैं. हमे एसईओ ऑप्टिमाइज़्ड Meta Description लिखना चाहिए जो हमारे रीडर्स को convince कर ले की जो इन्फर्मेशन वो सर्च कर रहे हैं इस पोस्ट मे वो उपलब्ध है.

गूगल के अनुसार कुछ महीने पीछे तक 320 वर्ड्स long description allowed था. लेकिन अभी description की length 150-170 वर्ड्स के बीच ही होना चाहिए. अपनी पोस्ट की description मे कीवर्ड का इस्तेमाल ज़रूर करे.

4. Keywords Density Inside Content

हमे अपने कंटेंट के पहले पैराग्राफ मे ज़्यादा density मे कीवर्ड्स इस्तेमाल करने चाहिए. कंटेंट के शुरूआती 100-150 वर्ड्स के अंदर मे कीवर्ड्स को अच्छी density मे ज़रूर include करे.

कीवर्ड रिसर्च इसीलिए किया जाता है की हमे सर्च एंजिन से अच्छी organic traffic मिल सके. इसके साथ ही कीवर्ड्स का selection CPC को ध्यान मे रख कर ही किया जाता है.

कीवर्ड को कंटेंट के अंदर properly इस्तेमाल करने से सर्च इंजन को पता चलता है की कंटेंट किस बारे मे लिखा गया है. और इस तरीके से सर्च इंजन मे हमारी पोस्ट अच्छे से ऑप्टिमाइज़्ड हो जाती है.

पोस्ट के अंदर कीवर्ड की density maximum 2.5% होनी चाहिए.

5. Proper Use of Heading and Sub-heading With Keywords

इस का इस्तेमाल कर के बेहतर रिजल्ट पाने के लिए हम Headings का इस्तेमाल का करते हैं. H2, H3, H4 heading के proper इस्तेमाल कर के हम अपनी ऑप्टिमाइजेशन तकनीक को स्ट्रॉंग करते हैं. Headings का repeatation बार बार ना करे.

कभी भी H1 heading का इस्तेमाल अपने पोस्ट के अंदर ना करे. क्यूंकि already हमारे पोस्ट का Title H1 Heading मे ही होता है.

Heading मे अपना फोकस कीवर्ड भी डालें ये हमारे पोस्ट के लिए  बहुत effective होता है. लेकिन ये ध्यान रखे की 50% से कम headings मे ही फोकस कीवर्ड का इस्तेमाल करे.

Note : आपको ये भी ध्यान मे रखना है की लिमिट से ज़्यादा कीवर्ड्स को Heading में इस्तेमाल न करें.

6. Image Optimization

इमेजेज को हम अपने विज़िटर्स को attract करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. इमेज मे हम अपने पोस्ट के टॉपिक बिना लिखे ही डिस्क्राइब कर सकते हैं. विज़िटर्स perfectly ऑप्टिमाइज़्ड इमेज से समझ जाते हैं की उन्हे जो इन्फर्मेशन चाहिए वो यहाँ उन्हे मिल जाएगी.

ध्यान रखने वाली बात ये है की हम इमेज को डिज़ाइन करते वक़्त कुछ फैक्टर्स को भी फॉलो करना ज़रूरी होता है. इन factors के इस्तेमाल से हम हमारा इमेज 100% एसईओ ऑप्टिमाइज़्ड और और यूज़र फ्रेंड्ली बना सकते हैं. एसईओ फ्रेंड्ली इमेज हमारे On-page को बहुत स्ट्रॉंग बनाती है.

(a) Image Title: पोस्ट के अंदर इस्तेमाल होने वाले इमेज का टाइटल मे कीवर्ड का इस्तेमाल करे. इससे ये फायदा है की सर्च इंजन हमारे इमेज के टाइटल से कीवर्ड को पहचान लेता है और हमारे पोस्ट को रैंक करने मे मदद मिलती है.

इमेज के टाइटल मे unknown titles को ना इस्तेमाल करे बल्कि उन्हे remove कर दे.

(b) ALT Tag : इमेज टाइटल के साथ साथ alt tag लिखना भी हमारे पोस्ट को सर्च इंजन फ्रेंड्ली बनाता है. मोस्ट इंपॉर्टेंट इसमे अपना फोकस कीवर्ड ज़रूर add करे.

(c) Image Size : इमेज साइज़ हमारे पोस्ट ऑप्टिमाइजेशन के लिए इंपॉर्टेंट factor साबित होता है. हम अपने पोस्ट मे हमेशा  इमेज का इस्तेमाल करते ही हैं. इमेज की साइज़ कम से कम होनी चाहिए. इससे ब्लॉग के पेज को लोड होने मे ज़्यादा टाइम नही लगेगा.

(d) Featured Image : अपने रीडर्स को यूज़र फ्रेंड्ली एक्सपीरियन्स देने के लए अपने पोस्ट मे फीचर्ड इमेज बनाकर डालें. Thumbnail के रूप मे जिस इमेज को हम इस्तेमाल करते हैं उसे ही फीचर्ड इमेज कहते हैं.

7. Use Outbound and Internal Links

अपने पोस्ट को और एसईओ फ्रेंड्ली ऑप्टिमाइज़ करने के लिए External और Internal लिंक्स का ज़रूरत के अनुसार इस्तेमाल करे . जब हम अपने पोस्ट मे किसी दूसरे वेबसाइट का लिंक add करते हैं तो वो External लिंक और खुद के ब्लॉग पोस्ट का लिंक add करते हैं उसे Internal लिंक्स बोलते हैं.

जब हम किसी दूसरे ब्लॉग या वेबसाइट का लिंक अपनी पोस्ट मे add करते हैं तो इस तरह से हम उन्हे एक बैकलिंक देते हैं. जो उनके SEO के लिए बहुत हेल्पफुल साबित होती है. साथ ही हमारी खुद की भी अनुभव स्ट्रॉंग होती है.

(a) Internal Links :  User engagement बढ़ाने के लिए हम internal linking का इस्तेमाल करते हैं. Internal linking से हम यूज़र को ये शो करा देते हैं की आप अगर एक फल आम की तलाश मे यहाँ आए हो तो आपको सारे फ्रूट्स fruits apple,banana, orange, etc. यहीं पर मिल जाएँगे.

इससे हम अपनी कंटेंट की क्वालिटी का पूरा इस्तेमाल कर के landing page से यूज़र को बाकी दूसरे pages मे भी engage कर सकते हैं.

मान लीजिए मेरे एक पोस्ट मे traffic बहुत ज़्यादा है बाकी पोस्ट की तुलना मे तो उस पोस्ट से हम दूसरे पोस्ट का लिंक add कर के ट्रॅफिक पा सकते हैं.

लेकिन याद रहे रिलेटेड पोस्ट को इंटर्नल लिंक्स के रूप मे add करे.

(b) External Linking : जब हम अपनी पोस्ट मे किसी दूसरी वेबसाइट को जोड़ते हैं तो इसे external linking बोलते हैं. मान लीजिये की हमारी पोस्ट मे हम Youtube की किसी फीचर के बारे मे लिख रहे हैं और उसकी कुछ इन्फर्मेशन के लिए यूट्यूब हेल्प फोरम मे इन्फर्मेशन दी हुई है तो उसका लिंक हम अपने पोस्ट मे add कर सकते हैं.

ये एसईओ फ्रेंड्ली है इससे कोई प्राब्लम नही है. बल्कि इससे हमारी सर्च इंजन की रैंकिंग बढ़ती है.

8. Detailed Content Post

आज के समय में बैकलिंक पर समय बर्बाद करने से  अच्छा है की वो समय कंटेंट बनाने में लगाए क्यूंकि अगर आपका कंटेंट पूरी तरह से आपके रीडर को मदद करता है और उसे पूरी जानकारी देता है तो इससे बेहतर आपको रैंक करने में और कोई मदद नहीं कर सकता.  इस का मतलब यही है की बढ़िया कंटेंट बिना बैकलिंक के भी रैंक करेगा.

गूगल सर्च रिज़ल्ट मे फर्स्ट पेज मे रैंक करने के लिए जितना लम्बा हो सके उतना लम्बा पोस्ट लिखें. आजकल तो बहुत से ऐसे भी ब्लॉगर हैं जिनकी पोस्ट 2000 वर्ड्स की होती हैं और साथ में उनकी कंटेंट क्वालिटी भी अच्छी होती है. तो अब आप समझ सकते हैं.

अगर आपको गूगल के फर्स्ट पेज पर अच्छी रैंक पाना चाहते हैं तो आपको हर पोस्ट को 2000 वर्ड्स से अधिक का लिखना होगा साथ ही कंटेंट क्वालिटी भी बेहतरीन रखनी होगी.

लेकिन अगर आप उतना नही लिख सकते तो ट्राइ करे की कम से कम 1000 वर्ड्स ज़रूर हो. इससे कम होने से फर्स्ट पेज मे आने के चान्स बिल्कुल कम होंगे.

साथ ही कंटेंट की लम्बाई जितनी ज़्यादा होगी कीवर्ड्स की density आप उतनी अधिक रख सकते हैं. Density तो 2.5 % से कम ही रखना है लेकिन आपके keyword अधिक बार इस्तेमाल होंगे. इससे गूगल को टॉपिक समझने मे उतनी ही आसानी होगी ये किस बारे मे है. इस तरह सर्च रिज़ल्ट मे higher रैंकिंग मिलने का चांस अधिक रहेगा.

गूगल चाहता है की जो भी रीडर आए उसको उस ब्लॉग से जानकारी मिले जिसने उस टॉपिक के बारे मे सबसे बढ़िया लिखा है. और अपने पोस्ट में में सबसे बढ़िया तरीके से कंप्लीट इन्फर्मेशन दी है.

9. Page Loading Speed

गूगल किसी ब्लॉग पोस्ट को अपने सर्च रिज़ल्ट मे रैंक देने से पहले हर तरह से चेक करता है. पेज की स्पीड भी बहुत इंपॉर्टेंट फैक्टर है एसईओ फ्रेंड्ली ब्लॉग के लिए . साथ ही पोस्ट ऑप्टिमाइजेशन के अंडर ये बहुत इंपॉर्टेंट फैक्टर है.

पेज की लोडिंग स्पीड अच्छी होती है तो google bots पोस्ट को जल्दी इंडेक्स करते हैं. अच्छी लोडिंग स्पीड बेहतर यूज़र एक्सपीरियंस के लिए इंपॉर्टेंट होता है. Slow loading होने वाले ब्लॉग पोस्ट को गूगल सर्च रिज़ल्ट्स मे अच्छी रैंक नही देता.

आप स्पीड increase करने वाले plugins का इस्तेमाल कर सकते हैं.

होमपेज पर कम से कम कंटेंट्स का इस्तेमाल करें जैसे widgets, posts, links और images. Images की size  ऑप्टिमाइज़्ड कर के रखे जिससे इमेज की साइज़ कम हो और फास्ट लोडिंग हो.

ब्लॉग की टेंपलेट या थीम कम से कम कोड्स का इस्तेमाल कर के लिखी गई हो और साथ ही responsive हो और फास्ट लोडिंग होती हो. रिसर्च मे पाया गया है की जिस ब्लॉग या वेबसाइट की लोडिंग टाइम 3-4 सेकेंड से कम होती है उसे विज़िटर्स तुरंत बंद कर देते हैं और दूसरी साइट पर चले जाते हैं.

तो अगर आपकी ब्लॉग की स्पीड कम है तो ये एक serious बात है. इसे जल्दी solve करे.

10. Use Social Sharing Buttons

अगर हमारी content की क्वालिटी अच्छी है तो फिर इसे सोशल शेयरिंग बटन के ज़रिए भी हमारे रीडर्स हर जगह शेयर  करेंगे. शेरिंग का ऑप्शन ना रहने से चाहते हुए भी उसे कोई शेयर नही करेगा.

सोशल शेयरिंग का इस्तेमाल कर के हम अपने पेज व्यूज बढ़ा सकते हैं. सोशल साइट से आने वाले विजिटर जब हमारे पेज पर टाइम बिताते हैं तो गूगल को एक तरह से पॉजिटिव सिग्नल मिलता है.

वर्डप्रेस यूजर बहुत ही आसानी से सोशल शेयरिंग plugins को इनस्टॉल कर के इस तरह के शेयरिंग buttons enable कर सकते हैं.

11. Use of related informative Video

आजकल लोग text content के साथ साथ media contents से ज़्यादा attract होते हैं. तो हमे चाहिए की text content  मे  well Optimized images aur videos भी add करे. अगर आप गूगल analytics का इस्तेमाल करते हैं तो आपको मालूम होगा Bounce rate और पेज पर Time के बारे मे.

(a) Bounce rate : जब कोई विज़िटर हमारे ब्लॉग के लैंडिंग पेज पर आकर बिना किसी दूसरे पेज पर गए वापस चला जाता है तो इसे Bounce rate बोलते हैं.

(b) Time On Page : कोई विज़िटर हमारी ब्लॉग पर जितना देर रुकता है उसे Time on page बोलते हैं.

वीडियो कॉंटेंट डालने करने से हम रीडर्स को कुछ देर अपने पेज पर रोक सकते हैं इससे बाउंस रेट घट जाता है और साथ ही Time duration भी बढ़ता है. जो की हमारी सर्च रॅंकिंग को बढ़ता है.

जो भी वीडियो अपने पोस्ट मे ऐड करे वो उसी टॉपिक का वीडियो रूपांतरण होना चाहिए. जिससे यूज़र को और बेहतर  एक्सपीरियेन्स हो और वो पोस्ट मे टाइम ज़्यादा बिताएंगे.

गूगल हर छोटी से छोटी बातों को भी नोटिस करता है और उन्हें अहमियत देता है. इसीलिए एसईओ फ्रेंड्ली पोस्ट लिखना बहुत ज़रूरी है साथ ही विज़िटर्स जितनी देर पेज पर रुकेंगे रैंकिंग उतनी अच्छी मिलेगी.

12. Regularly Update Your Old Posts 

अपने द्वारा लिखे गए सभी पुराने पोस्ट को समय समय पर अपडेट करते रहें.

जनवरी 2020 कोर अपडेट के अनुसार आपको समय के साथ अपने आर्टिकल के अंदर फ्रेश कंटेंट जोड़ने हैं और पुराने को अपडेट करने हैं. इसका सिंपल सा उदाहरण ये है की मान लीजिये की पिछले साल मैंने एक लिस्ट बनायीं हैं, जिसमे

Best SEO Technique in 2021

लिखी है और इस वर्ष काम कर रहे तकनीक की चर्चा की है तो अगले साल ये तकनीक काम करेंगे जरुरी नहीं है इसीलिए इसे हमे रिफ्रेश करने होंगे साथ में हमे 2021 साल के लिए लिस्ट को अपडेट भी करना होगा.

संक्षेप में

बिना अच्छे ऑप्टिमाइजेशन के पोस्ट को रैंक कराना काफी मुश्किल है. यहाँ तक रैंक करना तो दूर पहले पेज पर भी हमारा पोस्ट नहीं जा सकता है.

इसीलिए आज की इस पोस्ट को अगर आप ध्यान से पढ़ते हैं और फॉलो करते हैं तो फिर आपकी नॉलेज बढ़ जाएगी धीरे धीरे अनुभव भी होता चला जायेगा. अगर ब्लॉगर के रूप में सफल होना चाहते हैं तो फिर इसमें माहिर बनना जरुरी है.

On page SEO कैसे करे और इसकी परिभाषा क्या है इससे जुडी कोई भी प्राब्लम हो तो कमेंट बॉक्स मे पूछ सकते हैं. इस तरीके को फॉलो कर के आप अपने हर पोस्ट को अच्छी रैंक पर ला सकते हैं. जितनी ज़्यादा पोस्ट रैंक होगी ट्रॅफिक उतनी ज़्यादा होगी.

तो फ्रेंड्स आप लोगों को ये पोस्ट On पेज  SEO और of पेज SEO मे अंतर किया है  कैसी लगी. अब आप समझ ही गये होंगे की ऑन पेज और ऑफ पेज में क्या अंतर् होता है और ये  ब्लॉग के लिए क्यू ज़रूरी है.

ब्लॉग की कामयाबी इसकी ट्रॅफिक पर ही निर्भर करती है. अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगे तो इसे अपने फ्रेंड्स के साथ ज़रूर शेर करे साथ ही इस पोस्ट को सोशियल साइट्स फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम मे भी अपने दोस्तों को शेयर करे.

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